भारत जिसे सोने की चिड़िया कहा जाता था। भारत अपने भव्य इतिहास और सभ्यता के कारन हमेशा ही आक्रमणकारिओ का निशाना बनता रहा हे। मुग़ल से लेकर अग्रेजो ने भारत पर कई सालो तक राज किया। भारत को कई बार लुटा गया जिसमे भारत की 5 बेशकीमती चीजे भी मौजूद हे। भारत को सबसे बड़ी चोट अग्रेजो ने दी हे। अग्रेजो ने भारत पर राज करने के साथ भारत की धरोहर को भी लुटा हे। अग्रेज भारत की 5 बेशकीमती चीजे, चोरी करके अपने देश ले गए हे। जिसकी कीमत आज अबजो रुपयों में हे।
दोस्तों आप सब कोहिनूर हीरे के बारे में जानते ही होगे की, कोहिनूर हीरे को अंग्रेजो ने लुट लिया और वे उसे अपने देश ब्रिटेन ले गए। जिसे ब्रिटेन की रानी के ताज में लगा दिया गया हे। लेकिन ऐसा नहीं है की सिर्फ कोहिनूर हिरा ही अग्रेज अपने देश में ले गए हे। भारत की कई सारी चीजे हे जिसे अंग्रेजो ने लुट लिया है और अपने साथ ब्रिटेन ले गए है।
इस लेख में हम आपको भारत की 5 बेशकीमती चीजे, बताने वाले हे जिसे चोरी करके अग्रेज अपने देश ब्रिटेन ले गए हे। जिसे आज भी ब्रिटिश म्युजियम में रखा गया हे। जिन चीजों के कीमत आज अबजो रुपयों में हे।
भारत की 5 बेशकीमती चीजे
1: टीपू सुल्तान की राम नाम रिंग – Tipu Sultan Ring
भारत की 5 बेशकीमती चीजे 1: मैसूर के आखरी राजा टीपू सुलतान जो अंग्रेजो के साथ बहादुरी से लड़े जिसमे उनकी मृत्यु हो गई। शुरुआत से लालची अंग्रेजो ने टीपू सुल्तान की मृत्यु के बाद उनकी रिंग और तलवार छिन लिया था। एक रिपोर्ट अनुसार पता चला है की, सितम्बर 2003 में विजय माल्या ने 1.57 करोड़ रुपयों में टीपू सुलतान की तलवार को लंदन के एक ऑक्शन में ख़रीदा था। और 2004 में टीपू सुलतान की तलवार को भारत परत कर दिया था।
भारत की कई सारी मांग करने के बावजूद भी टीपू सुलतान की रिंग आज यूके में मौजूद हे। टीपू सुलतान की रिंग के ऊपर देवनागरी लिपि में राम लिखा गया हे। और इसी वजह से टीपू सुलतान की रिंग को अमूल्य माना जाता हे। टीपू सुलतान की रिंग पर जो राम नाम लिखा गया हे इसी वजह से टीपू सुलतान की रिंग एक बड़े विवाद में फांसी हुयी हे। जिसके चलते टीपू सुलतान की रिंग आज भी ब्रिटिश म्युजियम में मौजूद हे।
2: सुल्तानगंज बुद्ध – Sultanganj Buddha
भारत की 5 बेशकीमती चीजे 2: सुल्तानगंज बुद्ध प्रतिमा विशाल धातु का शिल्प हे। यह शिल्प 1861 में ईस्ट इंडियन रेलवे के निर्माण के दौरान खोजा गया था। इस शिल्प की उचाई 2 मीटर और वजन 500 किलो हे। इस शिल्प को बनाने में भारतीय शिल्पकारो को बहोत महेनत लगी थी। ब्रिटिश रेलवे अन्जिनियर इबी हेरिस को बांधकाम के दरमियाँ यह शिल्प मिला था। गुप्तकाल में बनी सुल्तानगंज बुद्ध प्रतिमा 500 और 700 ईस्वी के बीच की माना जाता है।
अंगेजो के समय में उनकी नजर इस प्रतिमा पर ठहर गयी थी। जब अंग्रेज साशन खत्म हुआ तो अंग्रेज अपने साथ इस प्रतिमा को अपने साथ ब्रिटेन में ले गए थे जो आज बर्मिंगहाम म्युजियम में राखी गई है।
3: अमरावती मार्बल – Amravati Marble
भारत की 5 बेशकीमती चीजे 3: अमरवती संग्रह, जिसे अमरावती मार्बल्स के नाम से भी जाना जाता है। अमरवती मार्बल्स की बनावट चुने के पथरो से बनाई गई है। अमरवती मार्बल्स 120 शिल्पों का एक भव्य मार्बल्स समूह है। चेन्नई सरकारी संग्रहालय में अमरावती मूर्तिकला का बड़ा संग्रह आज भी मौजूद हे।
अमरवती मार्बल्स को अंग्रेजो ने 140 वर्ष पहेले 1859 में मद्रास में खोज लिया गया था। जिसके बाद अमरवती मार्बल्स को ब्रिटेन में भेज दिया गया था। अमरवती मार्बल्स आज भी ब्रिटिश म्यूजियम, लन्दन में रखा गया है।
4: टीपू सुल्तान का बाघ – Tipu’s Tiger
भारत की 5 बेशकीमती चीजे 4: टीपू सुल्तान का बाघ 18वी शताब्दी का मशीनी कला का एक उत्कृष्ट नमूना है, यह बाघ मैसूर राज्य के पूर्व शासक टीपू सुल्तान की सम्पत्ती है। टीपू का बाघ मूल रूप से टीपू सुल्तान के लिए 1795 के आसपास बनाया गया था। जिसे राज्य-प्रतीक के रूप में प्रयोग किया जाता था।
इस बाग को मानवभक्षी के रूप में दिखाया गया है। जिसमे यूरोपियन कपडे पहने हुए एक सैनिक के पैर पर बाग ने हमला किया हुआ हे। आपको जानकर हैरानी होगी के इस बाघ के अंदर भी एक बाघ छिपा हुआ है। अगर आप इस बाघ का हँडल दबाते है तो बाघ दहाड़ने लगता है। और सैनिक की रोने की आवाज सुनाई देती हे। ये बाघ टीपू सुल्तान की अंग्रेजो के प्रति नफ़रत को दर्शाता हे।
ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी अपने शाशन काल के बाद टीपू सुल्तान के बाघ को अपने देश ले गए थे। वर्तमान समय में लंदन के विक्टोरिया और एल्बर्ट संग्रहालय मे टीपू सुल्तान का बाघ प्रदर्शित किया गया हे।
5: शाहजहां का वाइन कप – Wine Cup of Shah Jahan
भारत की 5 बेशकीमती चीजे 5: शाहजहां का वाइन कप 1657 में मुगल सम्राट शाहजहाँ के लिए बनाया गया था। इस वाइन कप को बनाने की प्रेरणा चीन, ईरान, यूरोप और भारत से ली गयी थी। इस कप के निचले भाग में कमल का फुल बनाया गया है। और आगे के भाग बकरी और सिंग्दे वाला प्राणी कलाकृति हे।
शाहजहां का शराब का प्याला सफेद नेफ्राइट जेड का एक प्याला है। कप में पैस्ले डिजाइन की तरह लौकी का आकार है। शाहजहां के वाइन कप का उत्पादन का स्थान भारत हे, जिसकी लंबाई 18.7 सेमी और चौड़ाई 14 सेमी है। 19वीं सदी में कर्नल चार्ल्स सेटन गुथरी ने इस खूबसूरत वाइन को चुरा लिया था। जिसके बाद शाहजहां के वाइन कप को ब्रिटेन में भेज दिया गया था। 1962 के बाद विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय द्वारा शाहजहां वाइन कप को अधिग्रहित किया गया हे।
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